जीवन-मृत्यु...

    🙏दोस्तों,

 दुनिया का सबसे ख़तरनाक रोग कैंसर है। वैसे हर शारीरिक समस्याएं पीड़ादायक व दुखदाई होता हैं लेकिन आज की तारीख में कैंसर बहुत ही गंभीर बिमारियों में से एक है। 

दुनिया में इस बीमारी से लोगों की मृत्यु सबसे ज्यादा  होती है। कैंसर पीड़ित, इस बीमारी का नाम सुनते ही जैसे जीते जी मर जाते हैं। जीवन-मृत्यु के बीच वे अपने आप को पाते हैं। साथ ही परिवार वालों की दशा भी बुरी हो जाती हैं।

इस बीमारी के चलते देश-दुनिया में कई लोग जिन्दगी और मौत से जूझ रहे हैं, तो अनेक ऐसे हैं जो जीवन हार गये हैं। वैसे दुनिया में कुछ खुशनसीब लोग भी हैं जिन्होंने इस बीमारी को हरा दिया हैं। पर ऐसे लोग बहुत कम हैं।

खबरों के मुताबिक दुनिया में हर 4 फ़रवरी को विश्व कैंसर दिवस पालन किया जाता है। इस दिन के जरिए लोगों को कैंसर के प्रति जागरूक किया जाता है। 

दरअसल, कैंसर अनेकों प्रकार के होते हैं। खून, त्वचा, फेफड़े, मुंह, ब्रेस्ट आदि में कैंसर हो सकता हैं। इनके लक्षण कई बार मरीज को समझ आता है तो किसी-किसी को देरी से पता चलता है। लापरवाही भी एक बड़ी समस्या है। वैसे भी यह लाइलाज और खर्चीला रोग हैं। बहुत ही कम लोग है जिसमें सकारात्मकता देखी जाती है।

दोस्तों, यही कारण है कि इस बीमारी से लोगों को जागरूक करने, लक्षणों को बतलाने, इलाज में सहायता, हौसला बढ़ाने, जानकारी देने जैसे कारणों के लिए कैंसर दिवस मनाया जाता है। 

विश्व कैंसर दिवस के दिन विश्व के सभी देशों के सरकारों की ओर से तथा निजी संस्थानों की तरफ से भी तरह-तरह के कार्यक्रमों द्वारा लोगों को जागरूक किया जाता हैं। उन्हें सचेत किया जाता है। अपने शरीर में हो रहे बदलाव, परेशानियों व गतिविधियों पर ध्यान रखते हुए डाक्टर चेकअप की सलाह दी जाती हैं।

इसी बीच खबरों के माध्यम हमारे सामने कुछ जानकारियां आई हैं- 

1) इस गंभीर बीमारी की रोकथाम के लिए हमारी सरकार टीकाकरण को प्रोत्साहित करेगी। खास कर महिलाओं के "सर्वाइकल कैंसर" के लिए 9-16 साल की किशोरियों को टीकाकरण (HPV) की नियमित व्यवस्था की बात सामने आई है। ताकि मृत्यु दरों पर रोक लगाया जा सके।

2) खबरों के मुताबिक चंडीगढ़ के कैंसर विशेषज्ञों द्वारा यह बात सामने आई है कि- अब बीना कीमो थेरेपी (इलाज) के कैंसर चिकित्सा संभव है। भारत विश्व का पहला देश है जो बीना कीमो के इलाज का दावा कर रहा है। 15 वर्षों से चल रहे इस शोध से 90% मरीज़ पूरी तरह ठीक हो सकता है और अपना सामान्य जीवन जी सकता है।

शोध के वरिष्ठ का कहना हैं- कीमो थेरेपी, कैंसर मरीजों के कैंसर कोशिकाओं को समाप्त करता हैं लेकिन मरीज़ के अन्य अंगों को प्रभावित करता हैं। जिसे कई बार मरीज शारीरिक या मानसिक तौर पर झेल नहीं पाते।  

चंडीगढ़ के शोधकर्ताओं से पता चला है बीना कीमो थेरेपी के इलाज में मरीजों को दो तरह के डोज दिए जाएंगे। ये डोज (खुराक) कैंसर कोशिकाओं को बनने नहीं देगा बल्कि बने कोशिकाओं को पूरी तरह से समाप्त कर देगा।

शोध के प्रोफेसर द्वारा कहा गया है अगर मरीज शुरुआत के दो सप्ताह खुद को संभाल ले तो उसके जल्द ठीक होने की संभावना होती है। असल में ये दो प्रकार के खुराक़ (डोज) मरीज की शारीरिक स्थिति पर तेज प्रभाव डालता है।

3) विश्व कैंसर दिवस पर इस साल एक अनोखे ढंग से कैंसर जागरूकता अभियान सामने लाया गया है। महिला संबंधित "सर्वाइकल कैंसर"...।

यह जागरूकता अभियान काफी हद तक सफल भी सिद्ध हुआ है। लोगों में इस बीमारी के बारे में जानने की रुचि भी पैदा हुईं हैं। लोग जानना चाहते हैं यह रोग क्या है? कैसे और क्यों होता हैं?वगैरह-वगैरह..।

एक ही  दिन में इस खबर ने जागरूकता फैलाई है।  

दोस्तों, यह जागरुकता अभियान सरकारी की ओर से नहीं है। खबरों के मुताबिक इस अभियान को बॉलीवुड की एक मॉडल और अभिनेत्री की ओर से फैलाया गया है। 

वहीं दूसरे ही दिन यह खबर(जागरुकता)झूठी बताई । 

ऐसा बताया जा रहा है यह मामला थाना-पुलिस तक पहुंच गया है।

दोस्तों, सिक्के के दो पहलू होते हैं, तराजू के दो पलड़े होते हैं, दिन-रात होते हैं, खुश-दुख होता हैं, जीवन-मृत्यु होते हैं और इन्हीं के बीच कई बार हम उलझ कर रह जातें हैं। सही-गलत का फैसला लेना मुश्किल सा हो जाता है।

असल में सोशल मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 32 वर्षीय एक मॉडल व अभिनेत्री के मृत्यु की ख़बर उनके फोटो सह पूरे देश भर में फैल जाती है। बताया जाता है 1 फरवरी को "सर्वाइकल कैंसर" से जंग लड़ते हुए उनकी मौत हो गई।

उन्हें हर कोई नहीं जानता। वो खास मशहूर नहीं है। फिर भी मिडिया, अखबार के माध्यम पता चलता है इतनी कम उम्र में दुनिया छोड़कर चले जाना, क़रीब सबों के लिए दुःख की बात थी। साथ ही लोग ने जानना चाहा जिस वजह से अर्थात जिस बीमारी से उनकी कच्ची मौत हुई है। वो बीमारी सर्वाइकल कैंसर है क्या? लोग सर्वाइकल कैंसर के बारे में जानकारी लेने लगे।

लक्षण, कारण, इलाज, बचाव आदि के बारे में जानकारी लेने लगे। लोगों की जिज्ञासा बढ़ी....।

चलिए सर्वाइकल कैंसर की जानकारी हम भी थोड़ी बहुत ले ही लेते हैं....

यूं तो कैंसर यानी कोशिकाओं की अनचाही वृद्धि या गांठ होती हैं। कई प्रकार के कैंसरों में "सर्वाइकल कैंसर" भी एक प्रकार का गंभीर कैंसर है। इससे महिलाएं प्रभावित होती हैं। गर्भाशय के निचले की ओर जिसे ग्रीवा कहा जाता है वहां गांठ बध जाते हैं, कोशिकाओं में वृद्धि होती हैं। यह शादीशुदा महिलाओं में जिनकी उम्र करीब 30-35 के ऊपर होती हैं, उन्हें होने की संभावना रहती हैं।

साधारण तौर पर कहा जाता हैं जो महिलाएं धूम्रपान करती हैं, अधिक गर्भनिरोधक गोलियां लेती हो, कृत्रिम प्रक्रिया अपनाती हो, कमजोरी आदि के कारण प्रभावित होती हैं। 

महिलाओं में अधिक या असमय रक्तस्राव हो तो लापरवाही और देरी न करते हुए अपने नजदीकी गाईनो लाजिस्टिक्स (स्त्री रोग विशेषज्ञ) से जांच करवा लेनी चाहिए। 

इससे हर साल महिलाओं के मौत के आंकड़े भयभीत करने वाले रहते हैं। इसलिए महिलाओं को सचेत करने के लिए बॉलीवुड मॉडल और अभिनेत्री द्वारा अपनी मौत की खबर से इस प्रकार का जागरूक अभियान चलाया गया।

उन्होंने सर्वाइकल कैंसर से अपने मौत की खबर देने के पिछे कारण यही बताया कि महिलाओं को इस विषय में जागरुक करना चाह रही थी। 

लेकिन जागरुकता ने एक वर्ग को काफी चोट पहुंचाई है- उनके कर्मक्षेत्र के साथी, जो उन्हें जानते हैं, जिन परिवारों में बीमारी के कारण मौत हो गई है तथा जो इंसान की कच्ची मौत से भावुक हो गए उन सभी को मॉडल के अपनी मौत फिर जिंदा होने की खबर ने काफी नाराज़ कर दिया है। ऐसा वर्ग उनसे काफी खफा हैं।

दोस्तों, हमारा मानना हैं-कोई भी, किसी भी प्रकार के कदम उठाने से पहले हर पहलुओं पर विचार कर ही कदम उठाएं ।चाहे वो कोई भी क्यों न हो, व्यक्ति या संस्था। कोई भी...। क्योंकि धरती पर मौत एक ऐसी चीज है जिसका कोई विकल्प नहीं होता...।

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