ताप लहर---

  🙏 दोस्तों,

                       "भारतीय मौसम विभाग" (IMD) के अनुसार आने वाले अगले करीब तीन महिनों में देश के लगभग हर राज्यों के, हर क्षेत्र में "प्रचंड गर्मी" पड़ने वाली है। चेतावनी देते हुए बताया गया है, पिछले वर्षों के मुकाबले इस बर्ष अधिक दिनों तक हमें ताप लहर सहना पड़ेगा यानी "ताप लहर" (हीट वेव) अधिक दिनों तक चलेगा।

जैसा कि हम अभी से ही अर्थात अप्रैल माह से ही अत्यधिक गर्मी को झेलना शुरू कर दिए हैं। आमतौर पर इसकी उम्मीद हम नहीं करते हैं तो आगे मई, जून बाकी हैं। ऐसे में देशवासियों को सतर्क रहने की अति आवश्यकता हैं।

मौसम विभाग के अनुसार 'प्रचंड' ताप लहर साधारण तौर पर दो-चार दिन रहता है मगर इस बार बीस दिनों तक या उससे अधिक दिनों तक भी रहने की संभावना है।

दोस्तों, जान लेते हैं "ताप लहर" यानी "हीट वेव" का मतलब क्या होता है? दरअसल गर्मी अलग चीज है। ग्रीष्म ऋतु में गर्मी का पड़ना स्वाभाविक है और पड़ना भी चाहिए। लेकिन ताप लहर अलग चीज हो जाती है। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है किसी क्षेत्र में अगर दो दिनों तक वहां का तापमान 4.5 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा दर्ज हो उसे ताप लहर (हीट वेव) कहेंगे और यदि वहां के हवा का तापमान सामान्य से 6.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक दर्ज हो तब वो क्षेत्र प्रचंड या खतरनाक ताप लहर की श्रेणी में अंकित किया जाता है। ऐसे में हम प्रचंड गर्म हवा का अनुभव करते हैं। और मौसम विभाग की ओर से चेतावनी जारी की जाती है।

ताप लहर का असर हम पर  व देश पर भारी पड़ता है। इस दौरान हमरे स्वास्थ्य तथा देश की आर्थिक परिस्थिती पर भी पड़ सकता हैं। 

प्रचंड गर्मी के कारण सबसे असर फसलों पर पड़ता है। अगर गर्मी के कारण सूखा पड़ जाए तो फसल भी सूखने लगता है, उपज में हानि पहुंचती हैं। गर्म हवा खेतों को नष्ट कर देती हैं। जिसका सीधा असर देश की अर्थ व्यवस्था पर पडता है।

वहीं दूसरी ओर ताप लहर (हीट वेव) से कई प्रकार की शारीरिक समस्याएं पैदा होती हैं। खानपान पर सबसे ज्यादा असर पड़ता हैं। ऐसी हालत में खाने की इच्छा कम हो जाती है। जिससे शरीर दुर्बल हो जाता है। ऐसे में खानें पर ध्यान देना बहुत जरूरी है।

गर्मियों के दिनों में हम अनायास थकान व कमजोरी महसूस करते हैं। अतः ऐसी चीजों का सेवन करना चाहिए जिससे इन दोनों को दूर किया जा सके तथा शरीर में शीतलता बनीं रहे। इसके लिए आहार विशेषज्ञों की सलाह अत्यंत महत्वपूर्ण हैं...।

आहार विशेषज्ञों के अनुसार तरल पदार्थ का सेवन करते रहना चाहिए। इसके अलावा मौसमी फलों का सेवन और खाने में ठंडी तासीर वाला भोजन ग्रहण करना चाहिए-

तरल पदार्थ- पानी, शरबत, छाछ, लस्सी, नींबू पानी, नारियल पानी आदि को पेय के रूप में शामिल करना चाहिए। कहा जाता है "बेल फल" दुनिया का सबसे उत्तम फल है और सस्ता भी है। अतः इसका शर्बत हर तरह से शरीर में लिए लाभदायक होता है। इसके अलावा ढेला मिसरी, सौंफ, मेथी दाना इन तीनों को पानी में रात भर भिगोकर दूसरे दिन छान कर पीने से गर्मी के दिनों में काफी फायदेमंद होता है। सत्तू शर्बत एक ऐसा पेय पदार्थ है जो आहार का काम भी करता है यानी शीतलता के साथ पेट भी भरता है।

मौसमी फल- गर्मियों में खीरा, तरबूज और कच्चा नारियल का सेवन करना चाहिए। भरपूर मात्रा में इन फलों को लेना अच्छा है।

भोजन- गर्मियों के दिनों में हल्का व सुपाच्य भोजन ग्रहण करना चाहिए। लौकी, तोरई, टिंडा, कच्चा पपीता, प्याज़ आदि लिया जाए तो अच्छा है। इसके अलावा दही का सेवन भी गर्मियों में ज्यादा करना चाहिए।

पहनावा- छाता, सनग्लास, सूती वस्त्र हल्के रंग के पहनने चाहिए। इससे शरीर में शीतलता बनीं रहतीं हैं। दिन में दो बार नहाना उचित है। नहाने का साबुन मेडिकेटेड होना चाहिए। इससे गर्मी और पसीने की दुर्गंध दूर होने के साथ चर्मरोग होने का खतरा कम होता हैं।

खैर, हमें हर मौसम के साथ जीना है। इसलिए मौसम विभाग के निर्देशानुसार सावधान बरतनीं पड़ेगी। और दूसरों को भी हो सके तो सहयोग करना है....।

हमें याद रखना होगा IMD के अनुसार इस वर्ष ताप लहर (हीट वेव) के प्रकोप से गर्मी भीषण पड़ेने वाली है अतः सभी को सतर्क रहना हैं.....।


                      ___________