रिमेल---

 🙏 दोस्तों,

                       मौसम विभाग के अनुसार बंगाल में भीषण गर्मी के बीच अत्यंत शक्तिशाली चक्रवात के आने की खबर आ रही है। 

बंगाल की खाड़ी में बन रहा तूफान, अपने रोद्र रुप के साथ पूरी तरह से तैयार हो रविवार (26-5-2024) को आ रहा है।

इस चक्रवात तूफान का नाम ही "रिमेल" है।

हर साल एक-दो प्राकृतिक आपदाओं से हम प्रभावित होते हैं। अक्सर ऐसे मौसम में बंगाल की खाड़ी में जलिय तूफान की सृष्टि होती है। जो बंगाल समेत उसके आसपास के तटीय हिस्सों को प्रभावित करता है।

दरअसल, विभिन्न प्राकृतिक स्रोतों में बने दबाव के कारण दुनिया को कई आपदाओं का सामना करना पड़ता हैं। जैसे कि- भूकंप, सूखा, बाढ़, ज्वालामुखी, प्राकृतिक बिजली, जलिय तूफान, सौर तूफान, आंधी, बारिश, चक्रवात आदि आपदाओं से दुनिया के लोगों को जुझना पड़ता हैं। इसकी वजह से जान-माल का नुक़सान भी होता हैं।

इस लेख में हम चर्चा करेंगे "रिमेल चक्रवात तूफान" का... जो पश्चिम बंगाल में रविवार को आने वाला है।

     

  खबरों के अनुसार इस बार का चक्रवात तूफान 26 मई (2024) रविवार की शाम तक बंगाल से टकराने की संभावना जताई जा रही है। जिससे राज्य के कई जिलों तथा पड़ोसी राज्य उड़िसा भी प्रभावित हो सकता हैं। सिर्फ पड़ोसी राज्य ही नहीं बल्कि पड़ोसी देश, बंगलादेश तक को भी इसका असर देखने को मिल सकता है।

बंगाल की खाड़ी में बन रहे तूफान की वजह से उसके आस-पास के तटीय क्षेत्रों में 102 या उससे भी अधिक गति से हवा के चलने की संभावना जताई जा रही है। बेहद शक्तिशाली चक्रवात तूफान 'रिमेल' के कारण तेज हवा के साथ कई इलाकों में तूफानी बारिश हो सकती है। 

तेज गति से हवा, तूफानी बारिश के अलावा आसमानी बिजली के गिरने की संभावना भी बताई जा रही है।

मौसम विभाग के अनुसार पश्चिम बंगाल में शनिवार से ही तेज हवा चलनी शुरू हो जाएगी। और दूसरे दिन यानी रविवार शाम से इस हवा की रफ्तार और तेज हो जाएगी। रविवार देर रात "तूफान रिमेल" के 'उड़ीसा' से होते हुए 'बंगालादेश' तक पहुंच जाने की संभावना है।

दोस्तों, लोकसभा चुनाव के छठे चरण के वोट दान इस राज्य में भी होंगे। चुनावी माहौल तथा चक्रवात माहौल.... अतः राज्य का विचित्र माहौल बना हुआ हैं। 

राज्य सरकार को जहां एक ओर चुनाव की परिस्थिति से निपटना है वहीं दूसरी ओर मौसम विभाग की दी गई चेतावनी से भी जूझना है।

वैसे राज्य सरकार की ओर से बताया गया है रविवार को आ रहे चक्रवात तूफान से निपटने की तैयारी कर ली गई हैं। खाड़ी के तटीय इलाकों पर नजर रखी जा रही है।

चक्रवात से बचने के कुछ निम्न उपाय बताए जातें हैं।इस प्रकार के आपदाओं से निपटने के लिए सबसे पहले घबराने की जरूरत नहीं होती। बल्कि सावधानी पूर्वक कदम उठाने की जरूरत होती हैं... 

1) पहले से ही निकटवर्ती क्षेत्रों में शरण स्थल की व्यवस्था कर रखनी चाहिए।

2) ऐसे मौके पर बिजली संबंधित सारे स्विच ऑफ कर देने की जरूरत होती है।

3) प्रयाप्त मात्र में खाद्य-जल की व्यवस्था कर रखनी चाहिए।

4) घर पर कुछ खास दवाओं की व्यवस्था होनी चाहिए।

5) तिरपाल, प्लास्टिक सीट जैसे सामाग्रियों का इंतजाम कर रखना जरूरी होता हैं।

6) सरकार की ओर से उठाए गए कदमों पर भी निगरानी रखनीं चाहिए। और जरुरत पड़े तो सरकारी मदद जरूर लेने चाहिए।

7) आपदा आने से पहले घर पहुंच जाना उचित है।

8) ऐसे मौकों पर सरकार के निर्देश का पालन करना चाहिए।

साथियों, वैसे तो भोगोलिक क्षेत्र के मुताबिक अलग-अलग क्षेत्रों में भिन्न तरह के आपदा से हमें निपटना पड़ता हैं। और उस हिसाब से क्षेत्रीय निवासी तथा सरकार निपटने की व्यवस्था भलीभांति कर लेती हैं। बावजूद इसके विपत्तियों में कई बार दिमाग नहीं चलता यही कारण है कि न घबरा कर सचेत रहने की जरूरत है।

सार्वजनिक विपत्तियों में एक दूसरे का साथ निभाना बहुत ज्यादा जरूरी होता है। अपने साथ ही, हो सके तो दूसरों की सहायता में भी हाथ बांटना उचित है।

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