अनन्या---

नमस्कार दोस्तों,

                       मैं अनन्या...मेरा नाम अनन्या है। मैं पांच फूट लम्बी हूं। मेरा चेहरा आयताकार है। मैं चल- फिर और बोल सकती हूं। लेकिन मेरे पैर नहीं हैं। मैं पहिए के सहारे चलती हू। मैं लोगों के कामों में हाथ बंटाती हूं। उन्हें मदद करती हूं।

क्या आप मुझे जानते हैं...?

नहीं...?

कोई बात नहीं, मैं अपना असली परिचय देती हूं...।

मैं स्वचालित एक मशीन हूं...। असल में मैं रोबोट (Robot) हूं...। 

अब पहचाना......?

हां दोस्तों, अनन्या एक "रोबोट मशीन" है। आज के लेख में हम आपको रोबोट मशीन की कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां देना चाहेंगे। लेकिन पहले हम आपको "अनन्या' के बारे में कुछ बताना चाहेंगे। बात जानकर आप रोमांचित हो जाएंगे।

खैर, अगर आप "अनन्या"(रोबोट) से मिलना चाहते हैं तो आपको कलकत्ता आना होगा। यहां के नदिया जिले के "कृष्णानगर" के पास एक रेस्टोरेंट है, अनन्या वहीं आपको मिलेगी।

महानगर से करीब 120 किलोमीटर की दूरी पर यह जगह अवस्थीत है। वहां "Mother's Hut" नामक यह रेस्टोरेंट है। अनन्या यहीं काम करती है। उसके साथ और भी तीन साथी हैं। जिन्होंने रेस्टोरेंट के अलग-अलग कार्यभार संभाल रखे हैं। 

अपनी ये अनन्या होटल में आए लोगों को खाना सर्व (परोसती) करती है। आप यहां आएंगे तो ये आपको भी अनोखे अंदाज में विभिन्न तरह के व्यंजन (खाना) सर्व करेगी।

वो ट्रे में खाना लेकर ग्राहक के टेबल तक जाती है और वहां खड़े हैं वर्कर ट्रे से प्लेट उठाकर टेबल पर ग्राहक के सामने रखते हैं।

दोस्तों, अनन्या की एक अद्भुत बात शेयर करना चाहेंगे। दरअसल, मृदूभाषी अनन्या होटल में जब लोगों को खाना सर्व करने उनके टेबल तक जाती है तब अगर बीच में यानी उसके रास्ते में कोई आ जाए तो वो, उन्हें धिरे से कहती है- पीलिज मुझे जाने दे...।

यह देख-सुन हर कोई मनमुग्ध हो जाएगा।

खबरों के अनुसार उस रेस्टोरेंट के मालिक का कहना है- हमारे यहां चार रोबोट मशीन हैं। जो अनन्या के नाम से जाने जाते हैं। ये चारों यहां के विभिन्न काम संभालते हैं। 

कृष्णानगर का यह रेस्टोरेंट ग्रामीण घर जैसा बनाया गया है। यहां के चारों रोबोट रेस्टोरेंट की सफाई, खाना बनाना, कैश संभालना और तो और रिसेप्शन पर लोगों की मदद तक करते हैं।

यहां पर आए ग्राहण विभिन्न स्वादिष्ट भोजन के साथ रोबोट मशीन की अद्भुत अनुभव को अपने साथ ले जा सकते हैं।

दोस्तों, माना जाता है मनुष्य के बीच रोबोट 50दशक (1950) में आया था। अमेरिका के एक इंजीनियर व्यापारी ने इसे तब बनाया था। धीरे-धीरे इसके तकनीकी में उन्नति होती चली गई और आज के इक्कीसवीं सदी में रोबोट हमारे अनेक क्षेत्रों में काम आने लगा हैं। जिसका जीता जागता उदाहरण "अनन्या रोबोट" है। 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मूलतः रोबोट को दो वर्गों में बांटा जा सकता हैं- जरूरत निर्माण योग्य और सामान्य उद्देश्य के लिए...। 

लेकिन इन्हीं दो वर्गीय रोबोट को करीब 18अलग-अलग श्रेणियों में विभक्त कर सकते हैं...।

जो इस प्रकार से हैं -एयरोस्पेस रोबोट, स्वायत्त वाहन रोबोट, उपभोक्ता रोबोट, जलीय रोबोट, आपात प्रतिक्रिया रोबोट, ड्रोन रोबोट, मानव संदेश रोबोट, बाह्मकंकाल रोबोट, मनोरंजन रोबोट, शैक्षिक रोबोट, औद्योगिक रोबोट, सामाजिक रोबोट, सेवा रोबोट, अनुसंधान रोबोट, टेलिप्रेजेंस रोबोट, मेडिकल रोबोट, सैन्य-सुरक्षा रोबोट आदि।

दोस्तों, इन रोबोटो में आप अनेक (रोबोट) के बारे में जरूर जानते होंगे या नहीं भी जानते हो लेकिन हम आपको अपने अगले आर्टिकलों में इनके विश्लेषण करने की कोशिश करेंगे। इनके कार्य और मूल्यों की जानकारी देने की कोशिश करेंगे।

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