कवच---

नमस्कार दोस्तों,

               

आज के लेख में हम आपको जीवनदायिनी कवच की जानकारी देना चाहेंगे। यहां जीवनदायिनी कवच का तात्पर्य- हेलमेट से है...।

यह छोटे आकार का गोलाकार, सिरनुमा वस्तु हमारे बड़े काम की चीज़ है। इसका खास इस्तेमाल तीन क्षेत्रों में किया जाता हैं...

1) सैन्य सुरक्षा 

2) एथलेटिक्स सुरक्षा और 

3) व्हीकल सुरक्षा।

आमतौर पर इन क्षेत्रों के लोग हेलमेट का इस्तेमाल किया करते हैं। अपनी सुरक्षा हेतु उन्हें इस्तेमाल करनी ही पड़ती हैं। जिनके डिजाइन व क्वालिटी भिन्न होते हैं।

यहां बताए गए पहले (सैन्य) और दूसरे (एथलेटिक्स) क्षेत्र से जुड़े लोगों को हेलमेट पहनने के नियम व पाबंदी होती ही हैं। परंतु तीसरे क्षेत्र यानी दो चक्का गाड़ी (व्हीकस) चलाने वाले अपने मर्जी के मालिक होते हैं। उनके सुरक्षा हेतु कानून बनाए गये हैं लेकिन कई दो पहिया चालक है जो अपने जीवन और कानून को ठेंगा दिखा कर, बिना किसी की परवाह किए इसका (हेलमेट) उपयोग नहीं करते। वे अपनी जान जोखिम में डालते हैं।

हेलमेट एक सुरक्षात्मक वस्तु है। इसे पहनने (Use) वाले के मस्तिष्क को गंभीर चोट व फैक्चर से बचाव होता हैं। 

हमारे शरीर का नाज़ुक व महत्वपूर्ण हिस्सा मस्तिष्क  है जिसकी रक्षा से जीवन के बड़े हादसों से हम बच सकते हैं। वरना मस्तिष्क की चोट हमारी जान पर बन आती है। इसलिए विशेष समय पर इसका उपयोग हमारी रक्षा करता है।

आवरण रुपी हेलमेट मनुष्य के मस्तिष्क (खोपड़ी) को बाहरी आघातों से बचाता है।

बात करते हैं तीन प्रकार के कवच की....

सैन्य सुरक्षा हेलमेट- देश की सुरक्षा हेतु वहां की पुलिस, सेना, मिलिट्री को इसका उपयोग करना ही पड़ता है। ताकि वे देश तथा देशवासियों की सुरक्षा के साथ-साथ अपनी भी सुरक्षा कर सके। और यह सुरक्षा (दुर्घटना से) उन्हें उनकी पहनी हेलमेट देती है। 

      इनके हेलमेट 'केवलर' फाइबर मटेरियल का बना  होता है। जो काफी मजबूत होते हैं। ये मशीन-गन की गोलियों, गोला-बारूद, विस्फोट, पत्थरबाजी जैसे आघातों से उन्हें बचाता हैं।

इसलिए नियमानुसार उन्हें अपने डियुटी ऑवर्स में हेलमेट पहनने ही पड़ते हैं।

सैन्य क्षेत्र के लोगों को उनके कर्मक्षेत्र से ही हेलमेट दी जाती है।

एथलेटिक्स हेलमेट- एथलेटिक्स क्षेत्र से जुड़े व्यक्तियों को भी हेलमेट का उपयोग करना पड़ता हैं। महिला-पुरुष दोनों को ही इसका उपयोग करना अनिवार्य होता है।

क्रिकेट, हॉकी, घुड़सवारी, स्नोबोर्डिंग, बाइकिंग आदि ऐसे खेल हैं जिसे खेलते समय खिलाड़ियों को हेलमेट पहनना जरूरी होता हैं। 

आमतौर पर एथलेटिक्स हेलमेट सामने से जालिदार होते हैं। इनके डिजाइन पूरे सिर को आवरण किये हुए सामने की ओर यानी आंख, नाक, मुंह, चेहरे को जाली से कवर किए हुए बनाएं जाते हैं।

खिलाड़ियों को भी उनके संस्था से हेलमेट दिये जाते हैं।

व्हीकल हेलमेट- दो पहिया वाहन चालकों को हेलमेट पहनना भी जरूरी होता हैं। लेकिन इन्हें स्वयं खरीद कर इसका इस्तेमाल करना पड़ता है।

बाजार में आम आदमी, महिला तथा बच्चों के लिए  अच्छे क्वालिटी के मजबूत हेलमेट विभिन्न डिजाइनों व साइजों के मिलते हैं।

अच्छे क्वालिटी का मतलब जो हेलमेट दुर्घटना में आपकी व वाहन में बैठे दूसरी सवारी की सुरक्षा कर सके...।

दोस्तों, लेख में तीन क्षेत्र के हेलमेट की बात कही गई हैं। जिसमें लापरवाही दो पहिया वाहन चालक के अधिकतर लोग करते हैं। कभी जानकर तो कभी अंजाने में .... हेलमेट खरीदते वक्त भी अक्सर ऐसा ही होता है। 

इसलिए हम यहां दो पहिया वाहन चालक वाले आम लोगों की सुरक्षा और उसके हित हेतु कुछ जानकारी देना चाहेंगे।

हम कई हजार की दो पहिया वाहन खरीद तो लेते हैं लेकिन हेलमेट खरीदने में लापरवाही कर बैठते हैं। कई चालक ऐसे भी है जो कानून से बचने के लिए बिना सेफ्टी वाली हल्की-फुल्की हेलमेट ख़रीद कर Use करते हैं। उन्हें अपनी जान बचाने की परवाह नहीं बल्कि पुलिस के चालक की ज्यादा परवाह होती है। तभी तो अच्छे क्वालिटी के मजबूत हेलमेट को अनदेखा कर जाते हैं। वैसे हर कोई ऐसी बेवकूफी नहीं करते।

खैर, दो पहिया वाहन चालकों को हेलमेट खरीदने से पहले विशेष बातों को ध्यान में रखते हुए ही खरीदना चाहिए... क्योंकि यह बहुत ही जरूरी चीज है...

✓ISI मार्क वाले हेलमेट अच्छे व सुरक्षा योग्य बताए जाते हैं।

✓कार्बन फाइबर तथा फाइबर ग्लास मटेरियल के हेलमेट अच्छे क्वालिटी के माने जाते हैं।

✓हेलमेट की ठीक से जांच करनी चाहिए ताकि उसमें किसी प्रकार का क्रैक न हो।

✓इसके सामने (फ्रोंट) के ग्लास मजबूत व हल्के रंग के होने चाहिए।

✓हेलमेट ऐसा ले जिसमें वेंटिलेशन हो। ताकि हवा और आवाज बराबर मिले।

✓अपने साइज के हिसाब से हेलमेट लेना अनिवार्य होगा।

✓बांधने वाला बकल (क्लच) ठीक से लॉक हो रहा है या नहीं चेक कर के ही ले।

✓सिर और चेहरे को पूरी तरह से कवर करें, ऐसा हेलमेट खरीदना चाहिए।

✓इस सुरक्षा कवच (हेलमेट) का भीतरी हिस्सा जो सिर और बालों के संपर्क में आता हो वो हिस्सा नरम (सॉफ्ट) तथा बाहरी यानी ऊपरी हिस्सा मोटा और मजबूत होना चाहिए।

✓हेलमेट का वजन एक से सवा किलो तक का होना चाहिए।

प्यारें दोस्तों, दो पहिया वाहन चलाते वक्त जरूर अच्छे क्वालिटी का हेलमेट ही Use करें। ये आपकी जीवनदायनी कवच है। जरा सी भी लापरवाही न करें। बिना हेलमेट के आप दुर्घटना को आमंत्रण करेंगे। 

अतः अपना ध्यान आपको खुद रखना होगा एक अच्छे व मजबूत हेलमेट का इस्तेमाल करके...

हेलमेट रुपी कवच खरीदते समय लेख में बताए गए बातों पर अमल कर सकते हैं...।

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